इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के बाद किसानों के चेहरों पर ख़ुशी देखी जा रही है। किसानों की आय का माध्यम धान की फसल ही है। जिसकी खेती सबसे ज्यादा मैदानी इलाको में की जाती है। राज्य में अबकी बार मानसून की अच्छी बारिश दर्ज की गई है। जिससे धान की फसलों को लाभ पहुंचा है। बारिश के वजह से 96 प्रतिशत धान लग चुका है। प्रदेश के कुछ इलाकों भारी बारिश से बस्तर संभाग के किसान परेशान है। यहाँ के खेतो का पानी नहीं उतर रहा है। यदि ऐसा ही रहा तो धान की फसल खराब होने का खतरा बना हुआ है । वही कुछ इलाके में सूखा पड़ा हुआ है।
कृषि विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अबकी बार धान की फसल की बुआई 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर फसल का रखा गया है। अभी तक प्रदेश में 39 लाख 81 हजार हेक्टेयर में खेती हुई है। जो लक्ष्य का 83 प्रतिशत है। इसमें धान का रकबा 32 लाख 25 हजार हेक्टेयर है। जो कुल बुआई का लगभग 81 प्रतिशत है।
छत्तीसगढ़ के बहुत से जिलों में धान की अच्छी फसल होती है। इन इलाको में अबकी बार भारी बारिश हुई है। जिनमे सामन्य बारिश 81 से 119 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। मानसून की बारीश कई इलाको में तो ये आंकड़ा भी तोड़ दिया गया। किसानों के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही है। क्यों की धान की फसलों के लिए सबसे अधिक पानी की आवश्कता होती है।धान की अच्छी फसल को देखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष एक करोड़ 10 लाख टन धान खरीदने के लिए बोला है। इस मानसूनी वर्षा से अबकी बार प्रदेश में एक करोड़ 60 लाख टन से अधिक धान का उत्पादन होगा।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञानी डा. जीके दास ने बताया कि अबकी बार प्रदेश में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। कुछ जिलों में तो खेतों से पानी ही नहीं उतर रहा जिससे धान की फसलों को खतरा हो सकता है। अभी तक केवल सरगुजा क्षेत्र में ही स्थिति ठीक नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार इस इलाके में भी भारी बारिश की संभावना है।
फसल लक्ष्य अब तक हुई बुआई
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