इंडिया न्यूज़, Chhattisagrh News: हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में टॉपर्स को सम्मानित किया गया है। इन्हीं टॉपर्स में से दो स्टूडेंट्स ऐसी है। जिनके बारे में पढ़कर आप भी हैरान रह जाएगें, क्योंकि उनमें एक अलग जज्बा और कुछ कर दिखने का जनून दिखता है। छत्तीसगढ़ के CM ने इन बेटियों को बधाई दी। इनके अल्वा चीफ जस्टिस एनवी रमना ने भी इन स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाया और बधाई दी। बता दें कि HNLU यूनिवर्सिटी में टॉपर्स को सम्मानित करने के लिए दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था।
इन दोनों टॉपर्स में से एक पल्लवी मिश्रा है जो दिल्ली की निवासी है। बता दें कि इस टॉपर ने पढ़ाई करते हुए करीब 11 गोल्ड मेडल जीते है। पल्ल्वी को देश के मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने दीक्षांत समारोह में डिग्री दी है। बता दें कि पल्लवी मिश्रा 2021 बैच में HNLU विश्वविद्यालय की टॉपर रही है। उन्हें लंदन की लॉ फर्म से 1 करोड़ की जॉब आई थी, लेकिन उन्होंने नहीं ली। पल्लवी मिश्रा ने कहा की वह लॉ प्रैक्टिस करने चाहती है। लॉ प्रैक्टिस करके वह समाज के लिए काम करना चाहती है। उन्होंने बताया कि फार्म में कार्य करके पैसे तो कमाए जा सकते थे। लेकिन वह जज बनना चाहती है। इसलिए उन्होंने वह 1 करोड़ का ऑफर नहीं लिया।
जानकारी के मुताबिक पल्लवी के पिता करीब 20 सालों से इंडियन ट्रेड सर्विस में कार्य कर रहे है। इस बतौर अफसर कि नौकरी को पिता ने अपनी बेटी का भविष्य ठीक करने के लिए छोड़ दिया। उनके पिता आशुतोष मिश्रा ने कहा कि बेटी के इस मुकाम तक पहुंचने के उपरांत उनका त्याग सफल है।
बता दें कि पल्ल्वी ने इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कॉरपोरेट लॉ में मास्टर डिग्री ली है। पढाई में अच्छी होने के कारण उन्हें 2 गोल्ड मेडल भी मिले इसके बाद उन्हें लंदन की ही एक कंपनी से 1 करोड़ की जॉब का ऑफर भी मिला, लेकिन उन्होंने नहीं लिया। बता दें की अब वह जज बनने की तैयारी में जुटी हुई है।
HNLU यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए करीब पांच साल पहले यवनिका रायपुर गई । बता दें की यवनिका दिल्ली की रहने वाली है। इसी के चलते वह प्रथम दृष्टीहीन विद्यार्थी, जो इस यूनिवर्सिटी में लॉ की पढाई करने गई। जिस कर संसथान में दृष्टीहीन विद्यार्थी के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। जिसके चलते कुलपति जी से बातचीत की। इसी के चलते उनकी सहायता की गई और उन्हें अलग से नोट्स भी दिए गए। फेशनल एथिक्स में उन्हें गोल्ड मैडल भी मिला। बता दें की यवनिका 2021 बैच की टॉपर स्टूडेंट है और उन्हें यह अच्छा नहीं लगता की उन्हें कोई ब्लाइंड होने के कारण दया के भाव से देखे।
जानकारी के अनुसार माँ ने अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए नौकरी छोड़ दी थी। इसी के चलते माँ भी पांच साल से बेटी के साथ रायपुर में ही रह रही थी। यवनिका के सहपाठी भी पढाई में उसकी मदद करते थे। बोर्ड पर लिखा हुआ उन्हें पढ़कर सुनते थे। उन्होंने बताया की पिता भी दिल्ली से नोट्स लेकर भेजते थे। जिसके चलते सभी के सहयोग से आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।
यह भी पढ़ें : रेल यात्रियों को राहत, रायपुर से निकलने वाली 20 ट्रेनें फिर से चलेगी, मेंटेनेंस कार्य के चलते किया था रद्द
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube