इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: रायपुर में मिला 13 वर्षीय बालक मंकीपॉक्स के लक्षणों का संदिग्ध। जानकारी के अनुसार छात्र को पिछले कुछ समय से स्किन प्रॉब्लम थी जिसके चलते छात्र ने गांव के ही प्राइवेट क्लिनिक से जांच करवाई थी। जांच के दौरान छात्र को कुछ आराम तो मिला लेकिन अच्छी तरह से छात्र ठीक नहीं हो पाया। लेकिन छात्र को पढ़ने के लिए संस्कृत पाठशाला में जैतूसाव मठ भेजा गया। हालांकि छात्र की रिपोर्ट के लिए सैंपल पुणे भेज दिया गया है। जानकरी के अनुसार दो दिन में रिपोर्ट आने पर स्पष्ट होगा की मंकीपॉक्स है या नहीं।
छात्र के गांव में मंकीपॉक्स जैसे खतरनाख वायरस का संदिग्ध होने की बात से ही पुरे गांव में खलबली मची हुई है। क्योंकि स्वस्थ्य विभाग की टीम गांव में जांच के लिए पहुंच गई है। हालांकि परिवार के सदस्यों की जांच की जा चुकी है और इसके साथ ही छात्र के सम्पर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है। बुधवार को गांव में स्वास्थ्य शिवर भी लगाया गया। जानकारी के अनुसार गांव के जिन लोगों की जांच नहीं हो सकी उनके लिए 30 जुलाई को फिर से जांच शिवर लगाया जाएगा। हालांकि अभी तक किसी में भी मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं दिखाई दिए। टीम हर घर जाकर जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार टीम ने लगभग आधे गांव के स्वास्थय की जांच कर ली है। हालांकि किसी में भी वायरस के लक्षण नज़र नहीं आए है। छात्र जिस भी व्यक्ति के सम्पर्क में आया है सभी की जांच की जा रही है। अभी हरेली त्योहार के कारण जांच को कुछ समय के लिए रोका गया है जबकि 30 जुलाई को जांच फिर से शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने पास के गांव के लोगों पर भी नज़र राखी हुई है ताकि किसी के स्वस्थ्य में कोई भी ऐसा बदलाव हो तो उसकी जांच की जा सके।
जांच के बाद पता चला है की छात्र की कोई भी ट्रेवेल हिस्ट्री नहीं है। हालांकि सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा की छात्र को किस चीज का इन्फेक्शन है। कहा जा रहा है कि छात्र कभी गांव से बाहर भी नहीं गया।
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