इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: रायपुर की जेल से कोरोना महामारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 22 आरोपियों को पैरोल पर छोड़े गए। जिनको छोड़े करीबन एक साल हो गया है। अभी तक एक भी कैदी वापिस नहीं आया है। जिसमे कई आरोपियों के ऊपर हत्या, दुष्कर्म, लूट सहित कई संगीन मामलों में गिरफ्तार किये गए थे। कुछ आरोपियों को तो कोट कि तरफ से उम्र कैद कि सजा हो चुकी थी। जानकारी में कैदियों से लिखवाया गए था कि महामारी ख़त्म होते ही सभी अपनी बची हुई सजा पूरी करे गए। परंतु एक साल से कोई नहीं लोटा है। सभी पुलिस स्टेशनों में आरोपियों के खिलाफ शिकायते दर्ज करवाई गई।
जानकारी के अनुसार, रायपुर जिले के खरोरा थाने क्षेत्र के दो आरोपी फरार है। जिनके ऊपर हत्या और दुष्कर्म का आरोप है। एक वर्ष से दोनों फरार हैं। जिनकी तलाश के लिए जेल प्रशासन ने खरोरा पुलिस को पत्र लिखा है। पुलिस ने कई बार आरोपियों के ठिकानों पर कई बार गश्त लगे है। परंतु आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए है ।
थाना प्रभावी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की पांच केंद्रीय जेलों में कोरोना काल के समय 1,274 बंदियों को छोड़ा गया था। रायपुर सेंट्रल जेल से 256 कैदियों को, बिलासपुर सेंट्रल जेल से 600, अंबिकापुर से 218 और दुर्ग जेल से 200 बंदियों को छोड़ा गया था।
बिलासपुर सेंट्रल जेल में कोरोना कल में छोड़े गए कैदियों में से 588 वापस लौट चुके है। परंतु अभी भी 12 कैदियों ला पता है। वही अंबिकापुर सेंट्रल जेल आठ कैदी वापस नहीं लौटे हैं। पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के जेल से 256 कैदियों को कोरोना महामरी में छोड़ा गया था।
जिसमे से अभी तक दो कैदी ही वापिस है। पुलिस ने आस पास के सभी थानों में आरोपियों के खिलाफ नोटिस भेजा है। कैदियों कि तलाश की जा रही है। सभी थानों में पत्र भेजा गया है। किसी भी हाल में कैदियों को पकड़ा जाना चाहिए।
(Prisoners Left on Parole in Corona)
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