इंडिया न्यूज़, | Chhattisgarh |Clean School Award Competition : राज्ये के स्कूल शिक्षा विभाग व साक्षरता विभाग ने प्रदेश के स्कूलों को साफ सुथरा रखने के लिए “स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता” का आयोजन किया । इसमें प्रदेश के 55370 शासकीय, प्राइवेट, केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल में से 55,217 स्कूलों ने भाग लिया। प्रदेश के 97.74 प्रतिशत स्कूल प्रतियोगिता में शामिल हुए। इस प्रतियोगता में 2473 स्कूलों नेअच्छा प्रदर्शन किया
इस प्रतियोगता में “स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता” के अंतर्गत 59 मानक तैयार किये गए, जिनके आधार पर स्कूलों का निरीक्षण हुआ | इसमें मुख्यता कैंपस की साफ-सफाई, साफ पानी, शौचालय, ग्रीनरी, वाटर हार्वेस्टिंग, बच्चों का वैक्सीनेशन, बच्चो की हेल्थ, विद्यार्थियों में व्यवहार परिवर्तन व क्षमता निर्माण सहित पढ़ाई और स्वच्छता के लिए किये गए प्रयास को देखा गया है।
यह प्रतियोगता कुल 110 नंबरों की थी | स्कूलो को उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक मिले | 28 जिलों में से कुल 2 हजार 473 स्कूल ही प्रतियोगता में पास हो पाए।
प्रतियोगता में पास स्कूलों को 5 स्टार मिला। पास हुए स्कूलों में से सभी जिले को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए 14-14 स्कूलों का चयन करना था। इन स्कूलों को दो श्रेणी निरीक्षण किया गया। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 392 स्कूलों ने भाग लिया।इसमें 305 स्कूल पास हुए।
जानकारी के अनुसार सर्वोच्च अंक 199 स्कूल और उप श्रेणी में 106 स्कूल अपना स्थान बनाया । इसके बाद 305 स्कूलों में से राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता के लिए 26 स्कूलों चुना गया। इसमें सर्वोच्च अंक पाने वाले स्कूलों में से शहर के 6 प्राथमिक व 6 माध्यमिक और ग्रामीण एरिया के 6 प्राथमिक व 6 माध्यमिक स्कूलों का चयन किया गया।
उप श्रेणी के 6 स्कूलों का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ है। इन स्कूलों में जिला बिलासपुर ब्लॉक तखतपुर के शासकीय हाईस्कूल पाली और तखतपुर ब्लॉक के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए अपना स्थान बनाया है। इनके अलावा रायपुर, रायगढ़, दुर्ग, धमतरी, जशपुर, कोरिया, महासमुंद्र, कवर्धा के स्कूलों ने भी अपना स्थान बनाया है।
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए तखतपुर ब्लॉक का शासकीय हाईस्कूल पाली का चुना गया है । यह तखतपुर ब्लॉक के लिए गर्व की बात है| यह सब प्रिंसिपल डॉ. रश्मि सिंह धुर्वे के उत्कर्ष्ट योगदान से हो पाया है। डॉ. रश्मि सिंह धुराज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत है|इन्हें पाली में चलित फिरते स्कूल के नाम से मशहूर है |
जब इनकी पोस्टिंग हुई तो यहां केवल 5 बच्चे थे। घर घर जाकर बच्चों के माँ बाप की बच्चो को स्कूल भेजने के लिया अनुग्रह किया | इन्होने घर-घर जाकर छात्रों को प्रवेश और किताब व ड्रेस दीं। दो साल तक अकेले ही स्कूल को संभाला। अब इस स्कूल में 250 छात्र पढ़ रहे हैं। इन्होने 20 प्रकार इनोवेशन कर स्कूल को आधुनिक और मॉडल बना दिया।
1 . स्कूल की साफ सफाई के लिया एक गुट बनाया जो स्कूल की साफ-सफाई को देखेंगे |
2 . लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय बनवाये ।
3 . स्कूल के 10 छात्रों को एक एक पौधे की जिम्मेदारी दी। जिसे वृक्ष मित्र की टोली नाम दिया |
5 . कचरा प्रबंधन के लिया दो टैंक बनवाये | गीले और सूखे कचरे के लिए | गीले कचरे से वह पेड़ो के लिए खाद बनाते है |
6 . स्वच्छ पीने के पानी के नल लगवाए।
7 . कोविड-19 से बचाव के लिए इस स्कूल में आइसोलेशन वार्ड तैयार करवाया ।
8 . क्लास में अच्छा प्रदर्शन करने वालो बच्चों को समय समय पर पुरस्कृत करते है | जिस से विद्यार्थियो का मनोबल बढ़ता है |
इनके इलावा डॉ. रश्मि सिंह धुर्वे ने बहुत से कार्यो दवारा स्कूल को मॉडल और आधुनिक बना दिया है |
Read more : छत्तीसगढ़ : कोरिया में नाबालिग का अपहरण के बाद दुष्कर्म
यह भी पढ़ें: इंडिया न्यूज मंच पर बोले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कहा- सबसे कम बेरोजगारी छत्तीसगढ़ में