जब समुद्र में समा गई पूरी ट्रेन, सैंकड़ों लोग मरे
ट्रेन हादसेे कई हुए पर ऐसा नहीं, न तो लोग मिले न ही उनके शव।
ये बात है 22 दिसंबर 1964 की मौसम खराब होने के कारण हुई थी घटना।
हर रात की तरह इस रात भी ट्रेन नंबर 653 स्टेशन की ओर बढ़ रही थी।
रात 11.55 बजे जब लोको पायलट को सिग्नल नहीं मिला तो उसने ट्रेन को खड़ा कर दिया।
मौसम के चलते सभी सिग्नल खराब हो गए थे।
जब ट्रेन को सिग्नल नहीं मिला तो लोको पायलट ने साहस दिखाते हुए ट्रेन को आगे बढ़ा दिया।
जब समुुद्र के ऊपर से गुजरी ट्रेन तो लोको पायलट ने तूफान को देखते हुए उसकी स्पीड बहुुत ही कम रखी थी।
फिर भी वो काल को नहीं रोक पाया और तेज समुद्र की लहरों में ट्रेन का 1 डिब्बा समा गया।
देखते ही देखते ट्रेन के सभी 6 डिब्बे समुद्र में जा गिरे।
तूफान थमने के बाद 200 यात्रियों के शव समेत 5 रेलवे कर्मचारियों का ढूंढने की भरसक कोशिश की गई। लेकिन किसी को इसमें कामयाबी नहीं मिली।