आज हम आपको भारत के ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जो 15 अगस्त से पहले ही अंग्रेज के चंगुल से मुक्त हो गया था
गांव के लोगों ने अंग्रेजों को सबक सिखाते हुए उन्हें भगा दिया था, चलिए आपको बताते हैं इस गांव के बारे में
ये गांव कोई और नहीं बल्कि कर्नाटक के उडुपी शहर से 176 किलोमीटर दूर इस्सुरु है
बता दें कि 1942 में यहां खून की नदियां बही थी, साथ ही अंग्रेजों ने कई घर भी जला दिए थे
इस गांव को लोगों ने वीरभद्रेश्वर मंदिर में तिरंगा फहरा दिया था, साथ ही चेतावनी दी थी कि अंग्रेज उनके गांव में न आएं
फिर अंग्रेज जब गांव में कर वसूलने आए तो मारपीट कर उन्हें कुत्ता बोलकर भगा दिया गया
जिसके हबाद गांव में पुलिस पहुंची फिर लोगों ने उनपर भी हमला कर दिया और दो अंग्रेज अफसरों को मार डाला
फिर चार दिन बाद अंग्रेजों की सेने पूरा गांव घेर लिया और पूरे गांव में आग लगा दी