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सांप का नाम आते ही लोगों के अंदर डर बन जाता है। इसमें से एक तक्षक नाग है।
इसके बारे में महाभारत से लेकर भविष्य पुराण तक में बताया गया है। इसके आगे बड़े-बड़े सिद्ध तांत्रिक और ऋषि मुनि भी फेल हो जाते है।
बता दे, ऋषि कश्यप और कद्रू के पुत्र का नाम तक्षक है ये पाताल लोग के 8 प्रमुख नागों में से एक हैं।
पुराणों के अनुसार, जब राजा परीक्षित राज कर रहे थे उस समय तक्षक नाग ने उन्हें डस लिया था।
एक बार राजा परीक्षित जंगल पर घूम रहे थे। उस समय मौन अवस्था में बैठे ऋषि शमीक उन्हें दिखे।
उन्होंने उनसे कुछ बात कि लेकिन शमीक ने जवाब नहीं दिया तो राजा नाराज हो गए और पास में मरा एक सांप उनके गले में डाल दिया।
क्रोधित होकर ऋषि ने राजा को श्राप दे दिया कहा आज से ठीक 7वें दिन नाग तक्षक के काटने से तुम्हारी मौत हो जाएंगी।
और फिर हुआ भी ऐसा राजा मर गए और उनके पुत्र ने सिंहासन संभाला।
गुस्से में पुत्र ने एक यज्ञ का आयोजन किया। जिसमे सभी सांप जल कर मर जाएंगे। धीरे- धीरे सभी सांप मरने लगे।
उस समय तक्षक नाग इंद्र देव का पास पहुंचा और उनके सिंहासन को पकड़ दिया फिर वो सिंहासनके साथ आग के तरफ बढ़ने लगा।
ऐसे में सभी देवता डर गए और उन्होंने आस्तिक मुनि के मदद से उसको रोका। वो दिन सावन मास की पंचमी तिथि थी।
यही कारण है कि सापों को पंचमी तिथि सबसे ज्यादा अच्छी लगती है।