सावन के महीने में शिवभक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, जो किसी तपस्या से कम नहीं होती
ऐसे में हम आपको उन नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पालन करना जरूरी होता है
सबसे पहला नियम है कि मन में महादेव के लिए सच्ची श्रद्धा हो तभी कांवड़ यात्रा पर निकलने का संकल्प लें
ध्यान रहे के कांवड़ में हमेशा बहती नदी का पवित्र पानी भरा जाता है, तालाब या कुएं का जल न भरें
व्यक्तियों को ध्यान रखना चाहिए कि उनका कांवड़ चमड़े से स्पर्श न हो
कांवड़ को कभी भी जमीन पर न रखें, अगर रूकना पड़ जाए उसे हमेशा पेड़ की डाल या स्टैंड पर रखें
कांवड़ यात्रा को शुरू से अंतिम तक पैदल ही पूरा करना चाहिए, किसी भी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
कांवड़ यात्रा के लिए नॉनवेज की सख्स मनाही है, इस नियम को भूलकर भी न तोड़ें