आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के वुर्टेमबर्ग में उल्म नामक जगह पर हुआ था

महज पांच साल की उम्र में पहली बार कम्पास देखा तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ था

इससे उनके मन में ब्रह्मांड की अदृश्य शक्तियों के बारे में आकर्षण पैदा हुआ था.

9 नवंबर 1921 में उन्हें भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था

18 अप्रैल 1955 को अल्बर्ट आइंस्टीन की पेट की गंभीर समस्या के चलते अस्पताल में मौत हो गई

अपनी मौत से ठीक पहले रात में 1ः15 बजे इस महान वैज्ञानिक ने जर्मन भाषा में कुछ शब्द कहे थे

आइंस्टीन की मौत के बाद न्यू जर्सी के ट्रेंटन में उनको दफन कर दिया गया

इसके अगले ही दिन उनके बेटे हांस अल्बर्ट ने दावा किया था कि ताबूत में रखा आइंस्टीन का शरीर पूरा नहीं था

उनका पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर डॉ. थॉमस हार्वे ने आइंस्टीन की परिवार की मंजूरी के बिना ही उनका दिमाग निकाला था.

तब डॉ. हार्वे का कहना था कि दुनिया के इस सबसे प्रतिभाशाली इंसान के दिमाग की स्टडी करना बेहद जरूरी है

 आइंस्टीन ने मना किया था कि मौत के बाद उनके शरीर का किसी भी तरह का परीक्षण न किया जाए

इसके बावजूद उनके बेटे हांस ने डॉ. थॉमस हार्वे को अनुमति दे दी थी कि उनके दिमाग की स्टडी की जाए

हांस का कहना था कि डॉ. हार्वे दुनिया की भलाई के लिए काम कर रहे हैं