जया किशोरी ने बताया प्रेम का असली अर्थ क्या है।

कथा वाचक जया किशोरी अपने विचारों से भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

प्यार को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। ऐसे में आपको जया किशोरी के विचार जरूर जानना चाहिए।

जया किशोरी कहती हैं, 'जो आपके पास है उसे दे देना ही प्रेम कहलाता है।

लेकिन जब हम अपने आप को अर्पित करते हैं तो इसे प्रेम कहते हैं।

जया किशोरी कहती हैं कि सच्चा प्यार हमेशा निस्वार्थ होना चाहिए।

अगर इसके पीछे आपका कोई स्वार्थी मकसद है तो वह प्यार नहीं हो सकता।

अगर कोई स्वार्थवश आपसे प्यार का दिखावा करता है तो वह आपके साथ तभी तक रहेगा जब तक उसका काम पूरा नहीं हो जाता।

वह कार्य शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक, बौद्धिक या अन्य कोई भी कार्य हो सकता है।

जिस दिन उसका स्वार्थ यानि काम ख़त्म हो जायेगा उसी दिन प्रेम भी ख़त्म हो जायेगा।