कितना होता है आत्मा का वजन?

उन्हें यह जानने में बहुत दिलचस्पी थी कि क्या मानव आत्मा का वजन मापा जा सकता है। इसी विचार से उन्होंने एक विशेष बिस्तर बनाया जिसमें वजन को बिल्कुल सटीकता से मापने के लिए एक उपकरण लगाया गया।

इंसान की आत्मा का वजन

तब वे मरणासन्न रोगियों को आश्वासन देते थे कि वे अपने अंतिम समय में इसी बिस्तर पर लेटें। ऐसा इसलिए किया गया ताकि पता चल सके कि मौत के वक्त वजन में कोई बदलाव हुआ है या नहीं।

मापना वाला यंत्र

डॉक्टर मैकडॉगल ने न केवल प्रत्येक रोगी की मृत्यु का सही समय लिखा, बल्कि यह भी लिखा कि वह कितनी देर तक उस बिस्तर पर पड़ा रहा।

डॉक्टर ने सर्वे किया

सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह जानना चाहते थे कि मृत्यु के समय वजन में किसी प्रकार का उतार-चढ़ाव होता है या नहीं।

मृत्यु के समय वजन

डॉ. मैकडॉगल ने वजन में बदलाव के हर कारण को समझने की कोशिश की, जैसे शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ (पसीना और मूत्र) और गैसें (ऑक्सीजन और नाइट्रोजन)।

वजन में बदलाव

गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने पाया कि आत्मा का वजन लगभग 21 ग्राम है।

21 ग्राम के नुकसान का डर

आज की वैज्ञानिक पद्धति से देखा जाए तो डॉ. मैकडॉगल के प्रयोगों पर कई सवाल उठाए जा सकते हैं।

वैज्ञानिक भी हैरान हैं