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दुनिया के कुछ देशों में गिलहरियों को गर्भ निरोधक गोलियां दी जा रही हैं।
वहीं कुछ देशों में कबूतरों और दूसरे जीव-जंतुओं को भी गर्भ निरोधक गोलियां देने पर विचार किया जा रहा है।
इसका कारण है इनकी जनसंख्या पर रोक लगाना। जानें, आखिर इनकी जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए ऐसा क्यों किया जा रहा है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि कबूतर, गिलहरी, जंगली सूअर, ताेता, हिरण आदि जीव-जंतु इंसानों और प्रकृति के लिए अब खतरा बन रहे हैं।
इसका कारण है कि इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
ग्रे गिलहरियां यहां के पेड़ों (टिंबर की लकड़ी) की छाल छीलकर उन्हें नुकसान पहुंचा रही हैं।
रॉयल फॉरेस्ट्री सोसायटी के सर्वे में सामने आया है कि इन गिलहरियों के कारण सालाना करीब 40 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
वहीं कबूतरों के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि ये इंसानों में सांस से संबंधित परेशानियां पैदा कर रहे हैं।
यही कारण है कि इनकी संख्या पर नियंत्रण के लिए इन्हें गर्भ निरोधक गोलियां देने पर प्रयोग चल रहे हैं