न वॉशरूम- न वैनिटी, खुले में ही...एक्ट्रेस ने खोला उन दिनों का राज

मधु 90 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं। उन्होंने अजय देवगन की फिल्म 'फूल और कांटे' से बॉलीवुड में एंट्री की।

इंडस्ट्री में उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं चला। साल 1999 में शादी कर ली। फिर अपने पति और बच्चों में व्यस्त हो गईं।

लेकिन सालों बाद एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु की 'शकुंतलम' में नजर आईं। उन्होंने दोबारा फिल्मों में वापसी की और फिल्मों में अपनी दूसरी पारी का भरपूर आनंद ले रही हैं।

अब मधु ने एक इंटरव्यू में बताया कि पहले के सिनेमा और आज के सिनेमा में कितना अंतर है। उन्होंने बताया कि पहले एक्ट्रेस को शूटिंग के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

उस समय वॉशरूम और वैनिटी वैन जैसी बुनियादी जरूरतें उपलब्ध नहीं थीं। कपड़े बदलने की कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं। एक्ट्रेस ने कहा- ये सच्चाई है।

मुध ने कहा- वह सबसे कठिन समय था। मैं कोलाची की गुफाओं में बैठकर तमिल फिल्मों की शूटिंग कर रहा था। पहाड़ों और पेड़ों के नीचे बैठना और प्रकृति और उस सब का सामना करना, यह सबसे सुखद समय था।

उस गर्मी में हम जिस तरह के कपड़े पहनकर डांस करते थे। फिर वो कपड़े उतारते समय हमें पता ही नहीं चला कि कौन देख रहा है।

आगे कहा- लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होता। अब आप कह सकते हैं कि आपको मेकअप वैन चाहिए या अपनी प्राइवेसी चाहिए।

एक्ट्रेस ने आगे कहा- 1997 में एक समय था जब मैं मणिरत्नम सर के साथ फिल्म इरुवर की शूटिंग कर रही थी। उस समय, रात के खाने के बाद ब्रेक के समय, मैं चट्टानों पर सो गई।

तभी मुझे किसी की आवाज सुनाई दी और वो शख्स बोला- इतनी कमाई का क्या फायदा, जब पत्थरों पर सोना पड़ेगा।

लेकिन अब ऐसी चीजों से नहीं गुजरना पड़ेगा। ये एक अच्छा बदलाव है। महिला कलाकारों के लिए पहले के दिन कठिन थे।