महरंग का जन्म एक बलूच मुस्लिम परिवार में हुआ था, उनकी 1 भाई और 5 बहनें हैं, उनके पिता बलूच एक मजदूर और राजनीतिक कार्यकर्ता थे
महरंग जब 16 साल की थी तब 2009 में सेना उनके पिता को बलात् उठा ले गई थी, जिसके बाद वो 2011 में सुनसान जगह पर मृत पाए गए थे
इस दौरान उनके पिता के शरीर पर टॉर्चर के निशान थे, इसके बाद महरंग ने प्रण लिया था कि उनके पिता के साथ जो हुआ वो किसी बलूच के साथ नहीं होने देंगी
फिर 2017 में एक बार फिर पाकिस्तानी फोज उनके इकलौते भाई को उठा ले गई, इसके बाद उन्होंने सेना के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया
सेना ने अपने घुटने टेके और 3 महीने से ज्यादा समय तक उन्हें रखने के बाद महरंग के भाई को उन्होंने लौटा दिया
बता दें कि महरंग बलूच, प्रतिरोध की एक प्रतीक हैं, जो न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे बलूचिस्तान के लिए सेना के खिलाफ लड़ने का बीड़ा उठाया
महरंग आतंकवाद-रोधी विभाग द्वारा न्यायेतर हत्याओं और अपहरणों के खिलाफ अथक अभियान चलाती है